दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल का आमरण अनशन जारी है। उन्होंने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को पत्र लिख दुष्कर्म मामलों में छह माह के भीतर ही कठोर सजा के प्रावधान की मांग की है। साथ ही निर्भया के दोषियों की सजा माफ नहीं करने की मांग भी की है।
इससे पहले स्वाति मालीवाल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और सभी महिला सांसदों को भी पत्र लिख चुकी हैं। गुरुवार को तीसरे दिन स्वाति मालीवाल सुबह राजघाट स्थित महात्मा गांधी की समाधि पर पहुंचीं। यहां उन्होंने बापू को श्रद्घांजलि देने के बाद कुछ देर तक ध्यान किया। इसके बाद वे समता स्थल पर पहुंची।
दो दिन पहले स्वाति मालीवाल ने दिल्ली के जंतर मंतर से धरना शुरू किया था। हालांकि पुलिस ने सुरक्षा कारणों का हवाला देते हुए इन्हें समता स्थल पर विरोध जारी रखने के लिए जगह तय की। बुधवार से स्वाति मालीवाल राजघाट स्थित समता स्थल पर आमरण अनशन पर हैं। उनके समर्थन में सैंकड़ों महिलाएं, युवतियां, छात्राएं और स्कूली बच्चियां तक मौजूद हैं।

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को लिखे पत्र में स्वाति मालीवाल ने लिखा है कि देश में महिलाओं के प्रति अत्याचार बढ़ते जा रहे हैं। हैदराबाद में एक महिला डॉक्टर के साथ जघन्य अपराध हुआ। राजस्थान में 6 वर्ष की स्कूल छात्रा से एक व्यक्ति ने दुष्कर्म किया और उसकी आंखें बाहर निकाल दीं। गुरुवार को उत्तर प्रदेश में भी दुष्कर्म पीड़िता को जलाकर मारने की कोशिश की गई। पीड़िता का करीब 70 फीसदी शरीर आग की चपेट में आ गया, वह गंभीर अवस्था में लखनऊ के अस्पताल में भर्ती है।
राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो के अनुसार दिल्ली में हर दिन कम से कम तीन बच्चियों के साथ दुष्कर्म की घटनाएं देखने को मिल रही हैं। उन्होंने निर्भया के दोषियों की उस याचिका को भी खारिज करने की अपील की है जिसमें दोषियों की ओर से राष्ट्रपति से राहत मांगने की अपील की गई है।
स्वाति मालीवाल बार-बार यही कह रही हैं कि जब तक उनकी मांगों को पूरा नहीं किया जाएगा तब तक वे आमरण अनशन जारी रखेंगी। देश में बढ़ते महिलाओं के प्रति अत्याचार और दुष्कर्म के मामलों में कठोर फैसले लेने की जरूरत है। जघन्य अपराधों के खिलाफ सरकार को कठोर से कठोर कानून को सख्ती से लागू करना चाहिए। वे देश के लोगों से अपील कर रही हैं कि वे राजघाट आकर उनके अनशन को समर्थन दें।
राष्ट्रपति से इन पांच मुद्दों पर मांगा सहयोग
स्वाति मालीवाल ने तीन पेज के लिखे पत्र के जरिए पांच मुद्दों पर राष्ट्रपति से सहयोग मांगा है। उन्होंने लिखा है कि निर्भया के दोषियों को तत्काल फांसी पर लटका देना चाहिए। साथ ही दुष्कर्म मामलों में तीन माह के भीतर ही ट्रायल पूरा होना चाहिए और अन्य सभी प्रकार की अपील को अगले तीन माह के भीतर ही निपटा देना चाहिए।
पीड़िता को गारंटी के साथ छह माह के भीतर न्याय मिलना चाहिए। इसके अलावा पिछले 13 वर्ष से दिल्ली पुलिस में चल रही जवानों की कमी को तत्काल दूर करने की दिशा में काम होना चाहिए। फास्ट ट्रैक कोर्ट की स्थापना, निर्भया फंड का ज्यादा से ज्यादा इस्तेमाल और पुलिस की जवाबदेही तय होना बेहद जरूरी है। इन मामलों में उन्होंने राष्ट्रपति से सहयोग मांगा है।
इससे पहले स्वाति मालीवाल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और सभी महिला सांसदों को भी पत्र लिख चुकी हैं। गुरुवार को तीसरे दिन स्वाति मालीवाल सुबह राजघाट स्थित महात्मा गांधी की समाधि पर पहुंचीं। यहां उन्होंने बापू को श्रद्घांजलि देने के बाद कुछ देर तक ध्यान किया। इसके बाद वे समता स्थल पर पहुंची।
दो दिन पहले स्वाति मालीवाल ने दिल्ली के जंतर मंतर से धरना शुरू किया था। हालांकि पुलिस ने सुरक्षा कारणों का हवाला देते हुए इन्हें समता स्थल पर विरोध जारी रखने के लिए जगह तय की। बुधवार से स्वाति मालीवाल राजघाट स्थित समता स्थल पर आमरण अनशन पर हैं। उनके समर्थन में सैंकड़ों महिलाएं, युवतियां, छात्राएं और स्कूली बच्चियां तक मौजूद हैं।
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को लिखे पत्र में स्वाति मालीवाल ने लिखा है कि देश में महिलाओं के प्रति अत्याचार बढ़ते जा रहे हैं। हैदराबाद में एक महिला डॉक्टर के साथ जघन्य अपराध हुआ। राजस्थान में 6 वर्ष की स्कूल छात्रा से एक व्यक्ति ने दुष्कर्म किया और उसकी आंखें बाहर निकाल दीं। गुरुवार को उत्तर प्रदेश में भी दुष्कर्म पीड़िता को जलाकर मारने की कोशिश की गई। पीड़िता का करीब 70 फीसदी शरीर आग की चपेट में आ गया, वह गंभीर अवस्था में लखनऊ के अस्पताल में भर्ती है।
राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो के अनुसार दिल्ली में हर दिन कम से कम तीन बच्चियों के साथ दुष्कर्म की घटनाएं देखने को मिल रही हैं। उन्होंने निर्भया के दोषियों की उस याचिका को भी खारिज करने की अपील की है जिसमें दोषियों की ओर से राष्ट्रपति से राहत मांगने की अपील की गई है।
स्वाति मालीवाल बार-बार यही कह रही हैं कि जब तक उनकी मांगों को पूरा नहीं किया जाएगा तब तक वे आमरण अनशन जारी रखेंगी। देश में बढ़ते महिलाओं के प्रति अत्याचार और दुष्कर्म के मामलों में कठोर फैसले लेने की जरूरत है। जघन्य अपराधों के खिलाफ सरकार को कठोर से कठोर कानून को सख्ती से लागू करना चाहिए। वे देश के लोगों से अपील कर रही हैं कि वे राजघाट आकर उनके अनशन को समर्थन दें।
राष्ट्रपति से इन पांच मुद्दों पर मांगा सहयोग
स्वाति मालीवाल ने तीन पेज के लिखे पत्र के जरिए पांच मुद्दों पर राष्ट्रपति से सहयोग मांगा है। उन्होंने लिखा है कि निर्भया के दोषियों को तत्काल फांसी पर लटका देना चाहिए। साथ ही दुष्कर्म मामलों में तीन माह के भीतर ही ट्रायल पूरा होना चाहिए और अन्य सभी प्रकार की अपील को अगले तीन माह के भीतर ही निपटा देना चाहिए।
पीड़िता को गारंटी के साथ छह माह के भीतर न्याय मिलना चाहिए। इसके अलावा पिछले 13 वर्ष से दिल्ली पुलिस में चल रही जवानों की कमी को तत्काल दूर करने की दिशा में काम होना चाहिए। फास्ट ट्रैक कोर्ट की स्थापना, निर्भया फंड का ज्यादा से ज्यादा इस्तेमाल और पुलिस की जवाबदेही तय होना बेहद जरूरी है। इन मामलों में उन्होंने राष्ट्रपति से सहयोग मांगा है।